सब पास पास होकर भी इतनी दूर हे ये कोरोना नही मोबा | मराठी कविता

"सब पास पास होकर भी इतनी दूर हे ये कोरोना नही मोबाइल का फितूर हैं दुनिया भर में सब का हाल पूछते हैं पर घरवालो से फिर भी दूर हैं ये कोरोना नही मोबाइल का फितूर हैं बच्चे भूल गये सब खेल पूराने सब मोबाइल में मसगुल हैं ये कोरोना नही सब मोबाइल का फितूर हैं भूल गये पुरानी पाठशाला ऑनलाइन का ही जोर हैं ये कोरोना नही सब मोबाइल का ही फितूर हैं भूल गये यार पूराने अब इंस्टाग्राम ओरफल फेसबुक का जोर हैं यो कोरोना नही मोबाइल का फितूर हैं उमेश भोडवाल फर्रुखनगर ©YASHIKA FOUNDATION"

 सब पास पास  होकर भी इतनी दूर हे ये कोरोना नही मोबाइल का फितूर हैं दुनिया भर में सब का हाल पूछते हैं पर घरवालो से फिर भी दूर हैं ये कोरोना नही मोबाइल का फितूर हैं बच्चे भूल गये सब खेल पूराने सब मोबाइल में मसगुल हैं ये कोरोना नही सब मोबाइल का फितूर हैं 
भूल गये पुरानी पाठशाला ऑनलाइन का ही जोर हैं ये कोरोना नही सब मोबाइल का ही फितूर हैं भूल गये यार पूराने अब इंस्टाग्राम ओरफल फेसबुक का जोर हैं यो कोरोना नही मोबाइल का फितूर हैं 


उमेश भोडवाल 
फर्रुखनगर

©YASHIKA FOUNDATION

सब पास पास होकर भी इतनी दूर हे ये कोरोना नही मोबाइल का फितूर हैं दुनिया भर में सब का हाल पूछते हैं पर घरवालो से फिर भी दूर हैं ये कोरोना नही मोबाइल का फितूर हैं बच्चे भूल गये सब खेल पूराने सब मोबाइल में मसगुल हैं ये कोरोना नही सब मोबाइल का फितूर हैं भूल गये पुरानी पाठशाला ऑनलाइन का ही जोर हैं ये कोरोना नही सब मोबाइल का ही फितूर हैं भूल गये यार पूराने अब इंस्टाग्राम ओरफल फेसबुक का जोर हैं यो कोरोना नही मोबाइल का फितूर हैं उमेश भोडवाल फर्रुखनगर ©YASHIKA FOUNDATION

umesh@mobile

#Light

People who shared love close

More like this

Trending Topic