शहर के इस चकाचौंध में
तुम उन गलियों को मत भूल जाना,
जहा दो पल मुस्कुरा कर हम साथ में जिए थे।
कभी कभी उन गलियों में भी लौट आना
जहा तुमने अपनी आज़ादी को पहचाना।
कभी भी तुम मायूस हो
तो उन एहसासों को छू कर
कुछ पल ही सही मुस्कुरा देना।
तुम उन गलियों में लौट आना।
©मुसाफिर
#Sheher