ख़्वाब में बातें कर लेते हैं आपस में जी भर के क्यूँ | हिंदी शायरी Video

"ख़्वाब में बातें कर लेते हैं आपस में जी भर के क्यूँकि हकीकत में आड़े आता है ख़ामोशी का पर्दा। ख़्वाबों में जी लेते हैं उल्फ़त के हर पल क्यूँकि हक़ीक़त में दिखता है बेरुखी का आलम।"

ख़्वाब में बातें कर लेते हैं आपस में जी भर के क्यूँकि हकीकत में आड़े आता है ख़ामोशी का पर्दा। ख़्वाबों में जी लेते हैं उल्फ़त के हर पल क्यूँकि हक़ीक़त में दिखता है बेरुखी का आलम।

#ख़्वाब और हक़ीक़त
#स्नेहलता पाण्डेय 'स्नेह'

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