"Life Like कभी कभी लगता है की सब कुछ छोड़ छाड़ कर कहीं दूर चली जाऊं, क्योंकि जो भीं मिले हैं बस खाना पूर्ति हेतु मिले हैं। लोग कहते थे की यह दुनियां व्यापार का मेला है। यहां सब बिकता है बस बिकने वाला चाहिए। आपको इस बाजार में अपनी कीमत बताने की जरूरत नहीं है। क्योंकि आपकी कीमत अपने स्वार्थ के हिसाब से लगा देंगे। क्योंकि लोगों को कोड़ी के भाव खरीदने की आदत है। लोगों ने कोड़ी को मामूली समझा हैं। कोड़ी तो वो हैं जब साथ दे तो राजा बना दे और साथ न दे तो रंक बना दे। किसी भीं चीज़ को कम आंकना नही चाहिए। क्योंकि अर्श से फर्श पर आते देर नही लगती हैं।
©Chandrawati Murlidhar Gaur Sharma
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