इस तनहाई के आलम में , कहां जाएं हम मन करता है इसी | हिंदी कविता

"इस तनहाई के आलम में , कहां जाएं हम मन करता है इसी खुदगर्जी के जहां में , कहीं खो जाएं हम जब लोगों को जरूरत होगी , और वो ढूंढेंगे हमे पागलों की तरह तब करेगें सबका हिसाब, और खूब मुस्कुराएंगे हम ©Shahid0007"

 इस तनहाई के आलम में ,
कहां जाएं हम
मन करता है इसी खुदगर्जी के जहां में ,
कहीं खो जाएं हम
 जब लोगों को जरूरत होगी ,
और वो ढूंढेंगे हमे पागलों की तरह
तब करेगें सबका हिसाब,
 और खूब मुस्कुराएंगे हम

©Shahid0007

इस तनहाई के आलम में , कहां जाएं हम मन करता है इसी खुदगर्जी के जहां में , कहीं खो जाएं हम जब लोगों को जरूरत होगी , और वो ढूंढेंगे हमे पागलों की तरह तब करेगें सबका हिसाब, और खूब मुस्कुराएंगे हम ©Shahid0007

#खुदगर्ज

People who shared love close

More like this

Trending Topic