हे ईश्वर ! आपके रचनात्मक प्राकृतिक मैं, जिस प्रकार

"हे ईश्वर ! आपके रचनात्मक प्राकृतिक मैं, जिस प्रकार प्रति वर्ष ,प्रति दिन ,हर अवधि, हर क्षण परिवर्तन और प्रगति होती हैं उसी प्रकार आपके द्वारा दिए गय जीवन में, प्रत्येक वर्ष , प्रत्येक दिन, हर अवधि ,हर क्षण, ठीक उसी प्रकार उन्नति और प्रगतिशील हो॥ ©Samima Khatun"

 हे ईश्वर ! आपके रचनात्मक प्राकृतिक मैं,
जिस प्रकार प्रति वर्ष ,प्रति दिन ,हर अवधि,  हर क्षण
परिवर्तन और प्रगति होती हैं  

उसी प्रकार आपके द्वारा दिए गय जीवन में,
प्रत्येक वर्ष , प्रत्येक दिन, हर अवधि ,हर क्षण,
ठीक उसी प्रकार उन्नति और प्रगतिशील हो॥

©Samima Khatun

हे ईश्वर ! आपके रचनात्मक प्राकृतिक मैं, जिस प्रकार प्रति वर्ष ,प्रति दिन ,हर अवधि, हर क्षण परिवर्तन और प्रगति होती हैं उसी प्रकार आपके द्वारा दिए गय जीवन में, प्रत्येक वर्ष , प्रत्येक दिन, हर अवधि ,हर क्षण, ठीक उसी प्रकार उन्नति और प्रगतिशील हो॥ ©Samima Khatun

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