"मैंने अकेले रहते हुए भी ख़ुद को अकेला नहीं किया,
इन अंधेरी गलियों में ख़ुद से रोशनाई की,
कभी भी ख़ुद को इस जहां में पसरा हुआ मेला नहीं दिया।
हर एक पल को अपनी ही मौजूदगी से खूबसूरत बनाया।
किसी भी हाल में ख़ुद को बेसहारा नहीं किया।
©D.R. divya (Deepa)"