White रहिमन निज मन की बिथा, मन ही राखो गोय। सुनी इ | हिंदी कविता

"White रहिमन निज मन की बिथा, मन ही राखो गोय। सुनी इठलैहैं लोग सब, बांटी न लेंहैं कोय।। अर्थ: रहीम कहते हैं की अपने मन के दुःख को मन के भीतर छिपा कर ही रखना चाहिए। दूसरे का दुःख सुनकर लोग इठला भले ही ले, उसे बाँट कर कम करने वाला कोई नहीं होता ©DRx. Kishan Patel"

 White रहिमन निज मन की बिथा, मन ही राखो गोय।
सुनी इठलैहैं लोग सब, बांटी न लेंहैं कोय।।

अर्थ: रहीम कहते हैं की अपने मन के दुःख को 
मन के भीतर छिपा कर ही रखना चाहिए। 
दूसरे का दुःख सुनकर लोग इठला भले ही ले,
 उसे बाँट कर कम करने वाला कोई नहीं होता

©DRx. Kishan Patel

White रहिमन निज मन की बिथा, मन ही राखो गोय। सुनी इठलैहैं लोग सब, बांटी न लेंहैं कोय।। अर्थ: रहीम कहते हैं की अपने मन के दुःख को मन के भीतर छिपा कर ही रखना चाहिए। दूसरे का दुःख सुनकर लोग इठला भले ही ले, उसे बाँट कर कम करने वाला कोई नहीं होता ©DRx. Kishan Patel

रहिमन निज मन की बिथा, मन ही राखो गोय।

People who shared love close

More like this

Trending Topic