हा ये सच है की वो भी मरता है
सामने मंच.. मंच पीछे धड़ कटता है
कुर्सियों का राजतंत्र् सच छुपा प्रजा से
तो इस बीच
कौन कह निकल गया की
दिल नहीं मरता सजा से
हा ये सच है की वो भी मरता है
सामने मंच.. मंच पीछे धड़ कटता है
खून में लिपटे कलाई लाल हुए मैने देखी है
खुट् में लटके पड़े जान मैंने पकड़ी है
होश की शुद् भुद गवा बेहोसी को जीते देखा है
अपनो के इंतज़ार में हर राह को टाटोला है
हा ये सच है की वो भी मरता है
सामने मंच.. मंच पीछे धड़ कटता है.
©Aahte
#sadak