उनकी याद में जलेंगे
मुह से उफ्फ न कहेंगे
हसीनावो की कमी नहीं जहां में
के फिर भी उनके चेहरे पर मरेंगे
चाहते हैं उसको चाहते हैं
के पूछोगे तो ना में सर हिलेंगे
के शायरो को, आता नहीं बुढ़ापा
मौत बाद जिंदा ये रहेंगे
गुलाम हो गया सहर तो क्या
किसी के बाप से शायर नहीं झुकेंगे
के उनकी याद में जलेंगे
मुह से उफ्फ न कहेंगे
#unki yaad me jalenge