कब तक पैरों से धूल फेंकते रहोगे कब तक दूर तारे को | हिंदी शायरी

"कब तक पैरों से धूल फेंकते रहोगे कब तक दूर तारे को देखते रहोगे तुम जरूर तारा बनकर चमकोगे अगर अथक प्रयास करते रहोगे ©kishan lal bhari"

 कब तक पैरों से धूल फेंकते रहोगे
कब तक दूर तारे को देखते रहोगे
तुम जरूर तारा बनकर चमकोगे
अगर अथक प्रयास करते रहोगे

©kishan lal bhari

कब तक पैरों से धूल फेंकते रहोगे कब तक दूर तारे को देखते रहोगे तुम जरूर तारा बनकर चमकोगे अगर अथक प्रयास करते रहोगे ©kishan lal bhari

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