मिला उस शख्स से फकत हमको
धोखा ही धोखा था
फिर भी नहीं कभी हमने उसे
न रोका और टोका था
हमनें ये भी नहीं कभी पूछा
गर्दन पर निशान कैसा
हमें उससे अंधी मुहब्बत थी
हमें उसपर अंधा भरोसा था
उधर था सौत का साया
इधर थे हिज्रा के बादल
हमें ऐसे भी मरना था
हमें वैसे भी मरना था
हमें उससे मुहब्बत थी
उसे इसका तकाज़ा था
न होते हुए भी ये रिश्ता
बिलकुल एकतरफा था
तुम्हीं ने "ममता" दे दिया दिल में
ठगों को दर्जा
तेरी चाह में वरना एक से एक लड़का था
©Mamtaj Priya
#एकतरफा