एक वार्तालाप.......(पार्ट 1)
इंसान तू भी
और इंसान मैं भी
फिर फर्क क्या है?
खाता तू भी है जिंदा रहने के लिए
खाता मैं भी हूं
फिर फर्क क्या है?
तन तो तू भी ढकता है
तन मैं भी
फिर फर्क क्या है?
तुझे लोग दूर से सलाम करते
मुझे नजरों से देखना भी नही चाहते
आखिर फर्क क्या है?
©shristi dubey
#फर्क
#जुड़े_रहे_अगले_भाग_में...