हा मैं रावण हूँ नाम तो सुना है ना हर साल जलाते हो | हिंदी विचार

"हा मैं रावण हूँ नाम तो सुना है ना हर साल जलाते हो मुझको तुम।। क्यों क्योंकि मेने सीता का अपहरण किया था ।। चलो ठीक है मेने किया था उसकी मुझे सजा भी मिलनी ही चाहिये ।। हर साल जलाते हो इस साल भी मेरे पुतले को जला देना ।। लेकिन मेरे पुतले के साथ उन बलात्कारियों को भी जला देना।। क्यों अब क्या हुआ तुम्हारा संविधान और कानून बीच मे आ गया क्या।। अरे मेने तो बस सीता का अपहरण किया था पर राम ने उसे गीता सा पाक और कुरान सा साफ ही पाया था।। लेकिन वो लोग तो उस मासूम बच्ची को नोच के खा गए।। तो फिर उन्हें सजा क्यो नही ।। क्यो उनको सजा नही मिलती ।। सुन लो मुझे जलाओ कोई दिक्कत नही पर मुझे उस दिन ही जलाना जिस दिन मासूम बच्चियों को नोचने वालो को जलाने की हिम्मत हो।। और क्या कहते हो तुम।। हाँ याद आया राम राम जी।। #गौरव"

 हा मैं रावण हूँ नाम तो सुना है ना हर साल जलाते हो मुझको तुम।।
क्यों क्योंकि मेने सीता का अपहरण किया था ।।
चलो ठीक है मेने किया था उसकी मुझे सजा भी मिलनी ही चाहिये ।।
हर साल जलाते हो इस साल भी मेरे पुतले को जला देना ।।
लेकिन मेरे पुतले के साथ उन बलात्कारियों को भी जला देना।।
क्यों अब क्या हुआ तुम्हारा संविधान और कानून बीच मे आ गया क्या।।
अरे मेने तो बस सीता का अपहरण किया था पर राम ने उसे गीता सा पाक और कुरान सा साफ ही पाया था।।
लेकिन वो लोग तो उस मासूम बच्ची को नोच के खा गए।। तो फिर उन्हें सजा क्यो नही ।।
क्यो उनको सजा नही मिलती ।।
सुन लो मुझे जलाओ कोई दिक्कत नही पर मुझे उस दिन ही जलाना जिस दिन मासूम बच्चियों को नोचने वालो को जलाने की हिम्मत हो।।
और क्या कहते हो तुम।।
हाँ याद आया राम राम जी।।
#गौरव

हा मैं रावण हूँ नाम तो सुना है ना हर साल जलाते हो मुझको तुम।। क्यों क्योंकि मेने सीता का अपहरण किया था ।। चलो ठीक है मेने किया था उसकी मुझे सजा भी मिलनी ही चाहिये ।। हर साल जलाते हो इस साल भी मेरे पुतले को जला देना ।। लेकिन मेरे पुतले के साथ उन बलात्कारियों को भी जला देना।। क्यों अब क्या हुआ तुम्हारा संविधान और कानून बीच मे आ गया क्या।। अरे मेने तो बस सीता का अपहरण किया था पर राम ने उसे गीता सा पाक और कुरान सा साफ ही पाया था।। लेकिन वो लोग तो उस मासूम बच्ची को नोच के खा गए।। तो फिर उन्हें सजा क्यो नही ।। क्यो उनको सजा नही मिलती ।। सुन लो मुझे जलाओ कोई दिक्कत नही पर मुझे उस दिन ही जलाना जिस दिन मासूम बच्चियों को नोचने वालो को जलाने की हिम्मत हो।। और क्या कहते हो तुम।। हाँ याद आया राम राम जी।। #गौरव

हा मैं रावण हूँ नाम तो सुना है ना हर साल जलाते हो मुझको तुम।।
क्यों क्योंकि मेने सीता का अपहरण किया था ।।
चलो ठीक है मेने किया था उसकी मुझे सजा भी मिलनी ही चाहिये ।।
हर साल जलाते हो इस साल भी मेरे पुतले को जला देना ।।
लेकिन मेरे पुतले के साथ उन बलात्कारियों को भी जला देना।।
क्यों अब क्या हुआ तुम्हारा संविधान और कानून बीच मे आ गया क्या।।
अरे मेने तो बस सीता का अपहरण किया था पर राम ने उसे गीता सा पाक और कुरान सा साफ ही पाया था।।
लेकिन वो लोग तो उस मासूम बच्ची को नोच के खा गए।। तो फिर उन्हें सजा क्यो नही ।।

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