ऐतबार हमको तेरा अलवेला सा है
ए मोहब्बत तेरा तो मेला सा है
अब तक तै न कर पाए हार जीत अपनी
ये दर्द भी ए मोहब्बत झेला सा है
मिलने का वादा भी नही वो उसका मिलना
मेने कहा मेरा हमकलाम भोला सा है
रात सितारे दिन मे दिखा दिए अब्दुल
ए इश्क़ तू बुरा नहीं झमेला सा है
©Khan Shahb
मिया भाई