ऐतबार हमको तेरा अलवेला सा है ए मोहब्बत तेरा तो मे | हिंदी शायरी

"ऐतबार हमको तेरा अलवेला सा है ए मोहब्बत तेरा तो मेला सा है अब तक तै न कर पाए हार जीत अपनी ये दर्द भी ए मोहब्बत झेला सा है मिलने का वादा भी नही वो उसका मिलना मेने कहा मेरा हमकलाम भोला सा है रात सितारे दिन मे दिखा दिए अब्दुल ए इश्क़ तू बुरा नहीं झमेला सा है ©Khan Shahb"

 ऐतबार हमको तेरा अलवेला सा है 
ए मोहब्बत तेरा तो मेला सा है 

अब तक तै न कर पाए हार जीत अपनी 
ये दर्द भी ए मोहब्बत झेला सा है 

मिलने का वादा भी नही वो उसका मिलना 
मेने कहा मेरा हमकलाम भोला सा है 

रात सितारे दिन मे दिखा दिए अब्दुल 
ए इश्क़ तू बुरा नहीं झमेला सा है

©Khan Shahb

ऐतबार हमको तेरा अलवेला सा है ए मोहब्बत तेरा तो मेला सा है अब तक तै न कर पाए हार जीत अपनी ये दर्द भी ए मोहब्बत झेला सा है मिलने का वादा भी नही वो उसका मिलना मेने कहा मेरा हमकलाम भोला सा है रात सितारे दिन मे दिखा दिए अब्दुल ए इश्क़ तू बुरा नहीं झमेला सा है ©Khan Shahb

मिया भाई

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