ज़िंदगी भी कितनी सुहानी है
थोड़ी धूप थोड़ी छाऊ है
कहीं खुशी कहीं गम है
कहीं गुलाब की खुशबू है
कहीं पतझड़ सा बीरान है
ज़िंदगी एक खुशुब हैं
कहीं गुलाब खिलते हैं
कहीं कांटे छुपते है
ज़िंदगी एक सुन्दर सा एहसास हैं
जब हमारा जीवन ईश्वर को समर्पित है
©pramodini mohapatra
#Gulaab