ज़िंदगी भी कितनी सुहानी है थोड़ी धूप थोड़ी छाऊ है | हिंदी Shayari

"ज़िंदगी भी कितनी सुहानी है थोड़ी धूप थोड़ी छाऊ है कहीं खुशी कहीं गम है कहीं गुलाब की खुशबू है कहीं पतझड़ सा बीरान है ज़िंदगी एक खुशुब हैं कहीं गुलाब खिलते हैं कहीं कांटे छुपते है ज़िंदगी एक सुन्दर सा एहसास हैं जब हमारा जीवन ईश्वर को समर्पित है ©pramodini mohapatra"

 ज़िंदगी भी कितनी सुहानी है
थोड़ी धूप थोड़ी छाऊ है
कहीं खुशी कहीं गम है
कहीं गुलाब की खुशबू है
कहीं पतझड़ सा बीरान है
ज़िंदगी एक खुशुब हैं
कहीं गुलाब खिलते हैं
कहीं कांटे छुपते है
ज़िंदगी एक सुन्दर सा एहसास हैं
जब हमारा जीवन ईश्वर को समर्पित है

©pramodini mohapatra

ज़िंदगी भी कितनी सुहानी है थोड़ी धूप थोड़ी छाऊ है कहीं खुशी कहीं गम है कहीं गुलाब की खुशबू है कहीं पतझड़ सा बीरान है ज़िंदगी एक खुशुब हैं कहीं गुलाब खिलते हैं कहीं कांटे छुपते है ज़िंदगी एक सुन्दर सा एहसास हैं जब हमारा जीवन ईश्वर को समर्पित है ©pramodini mohapatra

#Gulaab

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