माँ पिता बोझ क्यों ? | हिंदी Poetry Video

" माँ पिता बोझ क्यों ? जिन हाथों को पकड़ कर चलना सीखें , उन्हीं से हाथ छुड़ाते क्यों हों ? सबके सपनों को पूरा करते हैं , उनके अरमानों को जलाते क्यों हों? जिसने घर बना के दिया , उनको बेघर बनाते क्यों हो? जो सबके आने का इंतजार करें , उनको वृद्ध आश्रम पहुंचते क्यों हों ? सवाल करो खुद से सब लोंगो , दूर खुद से ही भागते क्यों हो? दर-दर चौखट प्रभु को ढूंढे, जीते भगवान को सताते क्यों हो? निशि की कलम पूछ रही है सबसे, अपने ही अस्तित्व को खुद मिटाते क्यों हो? ©Dr. Nishi Ras (Nawabi kudi) "

माँ पिता बोझ क्यों ? जिन हाथों को पकड़ कर चलना सीखें , उन्हीं से हाथ छुड़ाते क्यों हों ? सबके सपनों को पूरा करते हैं , उनके अरमानों को जलाते क्यों हों? जिसने घर बना के दिया , उनको बेघर बनाते क्यों हो? जो सबके आने का इंतजार करें , उनको वृद्ध आश्रम पहुंचते क्यों हों ? सवाल करो खुद से सब लोंगो , दूर खुद से ही भागते क्यों हो? दर-दर चौखट प्रभु को ढूंढे, जीते भगवान को सताते क्यों हो? निशि की कलम पूछ रही है सबसे, अपने ही अस्तित्व को खुद मिटाते क्यों हो? ©Dr. Nishi Ras (Nawabi kudi)

#Tuaurmain
शुक्रिया जिंदगी किताब से कुछ अल्फाज भरें जज्बात

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