"है तमन्ना क़ी मेरी जिंदगी आफताब में रहे
ख़्वाब अपनी जिद पे है क़ी बस ख़्वाब में रहे
उसने माना ही नहीं ख़ुद को,मेरी तबाही क़ी वजह
उनका सारा इल्जाम बस उस शराब में रहे"
है तमन्ना क़ी मेरी जिंदगी आफताब में रहे
ख़्वाब अपनी जिद पे है क़ी बस ख़्वाब में रहे
उसने माना ही नहीं ख़ुद को,मेरी तबाही क़ी वजह
उनका सारा इल्जाम बस उस शराब में रहे