White साहब! मेरे अपनों ने ही मारे हैं खंजर
ऐसे जिन्दगी की जंग तो कई बार जीत चुका था मैं,
इन रिश्तों के समंदर ने ही डुबो दिया मुझे
वरना इन लहरों से तो कब का जीत चुका था मैं,
कोई है रुका हुआ हूं मैं जिसकी खातिर
नहीं तो वक्त की तरह कब का बीत चुका था मैं..
©Balwinder Pal
#emotional_sad_shayari