एक सितम और लाख अदाएँ उफ़ री जवानी हाए ज़माने  तिरछ | हिंदी Poetry

"एक सितम और लाख अदाएँ उफ़ री जवानी हाए ज़माने  तिरछी निगाहें तंग क़बाएँ उफ़ री जवानी हाए ज़माने ©Sam "

एक सितम और लाख अदाएँ उफ़ री जवानी हाए ज़माने  तिरछी निगाहें तंग क़बाएँ उफ़ री जवानी हाए ज़माने ©Sam

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