/(लडका होना आसान नहीं है , भाईसाहब)/ जिम्मेदारीओक | हिंदी कविता

"/(लडका होना आसान नहीं है , भाईसाहब)/ जिम्मेदारीओके बोज तले दबना पडता है घर का चुला जलाये रखते रहना पडता है कोई पूछे कैसे हो भाइ..? तो मुसकुराना पडता है कोई पूछे कितना कमाते हो तो बता ना पडता है यहाँ पहचान होती है हमारी कमाई से यहाँ पहचान होती है हमारें कपडों से हम लडके है भाईसाहब हमें इज्जत मिलती नहीं कमानी पडती है अगर ना करे कुछ तो सुनना पडता है ओर करे भी कुछ छोटा मोटा काम तब भी टोट सुनने मिलतें है हमारी जिंदगी आसान नहीं है ,यहाँ इस दुनिया में यहाँ कई लडके लड़ाई हार जाते हैं मंजिल पर पहोचने से पहले ही लोग मरने के लिए मजबूर कर जातें हैं समजने वालों से जयादा समझाने वाले बहुत मिलतें है ओर समझने का ढोंग कर कुछ लोग हमें कबूतर समझते हैं लडका होना आसान नहीं है यहाँ, भाईसाहब यहाँ गंदगी से जयादा गंदे लोग भरे पड़े हैं ओर लोग कहते हैं कया कर रहें हो अबतक कैसे चैन मिलेगा हमें,, भाईसाहब चारो तरफ तो मजाक हो रहा है हमारा ©katara vijay khemabhai"

 /(लडका होना आसान नहीं है , भाईसाहब)/

जिम्मेदारीओके बोज तले दबना पडता है
घर का चुला जलाये रखते रहना पडता है

कोई पूछे कैसे हो भाइ..? तो मुसकुराना पडता है
कोई पूछे कितना कमाते हो तो बता ना पडता है

यहाँ पहचान होती है हमारी कमाई से
यहाँ पहचान होती है हमारें कपडों से


हम लडके है भाईसाहब हमें इज्जत मिलती नहीं कमानी पडती है
अगर ना करे कुछ तो सुनना पडता है ओर करे भी कुछ छोटा मोटा काम तब भी टोट सुनने मिलतें है

हमारी जिंदगी आसान नहीं है ,यहाँ इस दुनिया में
यहाँ कई लडके लड़ाई हार जाते हैं
मंजिल पर पहोचने से पहले ही लोग मरने के लिए मजबूर कर जातें हैं

समजने वालों से जयादा समझाने वाले बहुत मिलतें है
ओर समझने का ढोंग कर कुछ लोग हमें कबूतर समझते हैं

लडका होना आसान नहीं है यहाँ, भाईसाहब

यहाँ गंदगी से जयादा गंदे लोग भरे पड़े हैं
ओर लोग कहते हैं कया कर रहें हो अबतक

कैसे चैन मिलेगा हमें,, भाईसाहब 
चारो तरफ तो मजाक हो रहा है हमारा

©katara vijay khemabhai

/(लडका होना आसान नहीं है , भाईसाहब)/ जिम्मेदारीओके बोज तले दबना पडता है घर का चुला जलाये रखते रहना पडता है कोई पूछे कैसे हो भाइ..? तो मुसकुराना पडता है कोई पूछे कितना कमाते हो तो बता ना पडता है यहाँ पहचान होती है हमारी कमाई से यहाँ पहचान होती है हमारें कपडों से हम लडके है भाईसाहब हमें इज्जत मिलती नहीं कमानी पडती है अगर ना करे कुछ तो सुनना पडता है ओर करे भी कुछ छोटा मोटा काम तब भी टोट सुनने मिलतें है हमारी जिंदगी आसान नहीं है ,यहाँ इस दुनिया में यहाँ कई लडके लड़ाई हार जाते हैं मंजिल पर पहोचने से पहले ही लोग मरने के लिए मजबूर कर जातें हैं समजने वालों से जयादा समझाने वाले बहुत मिलतें है ओर समझने का ढोंग कर कुछ लोग हमें कबूतर समझते हैं लडका होना आसान नहीं है यहाँ, भाईसाहब यहाँ गंदगी से जयादा गंदे लोग भरे पड़े हैं ओर लोग कहते हैं कया कर रहें हो अबतक कैसे चैन मिलेगा हमें,, भाईसाहब चारो तरफ तो मजाक हो रहा है हमारा ©katara vijay khemabhai

लडका होना आसान नहीं, भाईसाहब

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