घर में दो बच्चो को छोड़ कर वो कहा चलि जा रही है?
इस आपदा के समय में!
जब सब अपने घरों में है, तो ये सड़क पर क्या कर रही है?
वो भी नंगे पैर इस धूप में!
शायद कूछ ढूंढ रही है! पर क्या ढूंढ रही है? सायद उन लोगो को जो उसके हक़ की बाते करते थे! वो नेता, समाज सेवी, पोलिस कर्मि और तमाम वो लोग जो उसके लिए सोचते थे। जिनको चुना था उसने।
चुना था अपने ओर आपने बच्चों की सुरक्षा के लिए।
तो फिर आज क्यों नही देखता कोई उसके बच्चों की ओर!
आज क्यों उसके बच्चे भूखे है?
भूखे है! पर भूखे क्यों है ? कल कुछ युवा कैमरा लेके गए तो थे उसके घर रासन देने।
तब तो उसने रासन लेने से मना कर दिया, फिर आज ऐसा क्या हुवा जो उसे घर से बाहर आना पड़ा ?
सायद बच्चों की खातिर! है यही वजे रही होगी ।
©Deepak Bisht
माँ और ये लोकडौन