जब भी हाथ उठे जरूरत मंदो के लिए उठे,कभी भी हमने खै | हिंदी Quotes

"जब भी हाथ उठे जरूरत मंदो के लिए उठे,कभी भी हमने खैरात नहीं बेची.... मुझे गुरूर है मेरे घर के बड़ों ने कभी,जरूरतों के लिए जायदाद नहीं बेची.... ©ThoughtsofRDR~"

 जब भी हाथ उठे जरूरत मंदो के लिए उठे,कभी भी हमने खैरात नहीं बेची....
मुझे गुरूर है मेरे घर के बड़ों ने कभी,जरूरतों के लिए जायदाद नहीं बेची....

©ThoughtsofRDR~

जब भी हाथ उठे जरूरत मंदो के लिए उठे,कभी भी हमने खैरात नहीं बेची.... मुझे गुरूर है मेरे घर के बड़ों ने कभी,जरूरतों के लिए जायदाद नहीं बेची.... ©ThoughtsofRDR~

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