सुनो श्री हरि
किस-किस रुप का बखान करु
किस लीला को नजर अंदाज करु
राम बन मर्यादा समझायी
कृष्ण बन समझाया प्रेम
सब में प्रभु आप सबसे दयालु
हर रुप में पूजन करु आपका कृपालु
मानो तो हर कहीं ना मानो तो प्रस्तर अनेक
हर कहीं आप बसे करती रहूँ प्रभु आपसे भेट
नयन सुख आपकी मूरत
आत्मा का सुख आपकी भक्ति
हर चिंता आपको अर्पण
मैं जानु बस आपको ऋषिकेश
सबसे सुखी वहीं जिसके प्रभु समीप
वो नर नारी कितने अभागे जो ना जपे अनंत
आप बसे श्वास में तभी ये श्वास चले
आप हदय में तभी ये हदय धड़के
भला आपके बिना पत्ता भी क्या हिल सके
सुनो श्री हरि
किस किस रुप का बखान करु
किस लीला को नजर अंदाज करु।
©Priya Gour
सुनो श्री हरि 🌸
#21Feb 9:47