तुम मुझे मेरे खेतों में लहरती कोई फसल सी लगती हो | हिंदी शायरी

"तुम मुझे मेरे खेतों में लहरती कोई फसल सी लगती हो , तुम मुझे मोहब्बत की कोई नई ग़ज़ल सी लगती हो । अनमोल यादव ( गुमनाम शायर )"

 तुम मुझे मेरे खेतों  में लहरती कोई फसल सी लगती हो ,
तुम मुझे मोहब्बत की कोई नई ग़ज़ल सी लगती हो ।

अनमोल यादव ( गुमनाम शायर )

तुम मुझे मेरे खेतों में लहरती कोई फसल सी लगती हो , तुम मुझे मोहब्बत की कोई नई ग़ज़ल सी लगती हो । अनमोल यादव ( गुमनाम शायर )

#Hope #Anmolgumnaam

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