मैं पागल इश्क़-परिंदा, सपनों के अम्बर से उतरी एक सम

"मैं पागल इश्क़-परिंदा, सपनों के अम्बर से उतरी एक समझदार, नटखटी परी को देखता हूँ। है बिल्कुल बेगानी पर अपनों सी जिद वो करती है, न जाने वो क्यू मुझे शुभभू कहकर बुलाती है। उसकी सच्ची बातों से फिर जीने को मन करता है उसकी कसमों-वादों से कुछ करने का मन करता है। वो कहती है कि मुझे तेरी बातों का कोई फर्क नही पड़ता, फिर क्यू वो मेरा ख्याल रखती है। वो कहती है मैं उस जैसा नही, फिर क्यों वो मुझ जैसी लगती है। मैं पागल इश्क़-परिंदा, मेरे ख़्वाबों के रंगों में लिपटी एक नई अंकु को देखता हूँ। उसका दामन हमेशा खुशियों से भड़ने को जी करता है, उसके लिए एक और जिंदगी जीने को जी करता है।"

 मैं पागल इश्क़-परिंदा, सपनों के अम्बर से उतरी
एक समझदार, नटखटी परी को देखता हूँ।

है बिल्कुल बेगानी पर अपनों सी जिद वो करती है,
न जाने वो क्यू मुझे शुभभू कहकर बुलाती है।

उसकी सच्ची बातों से फिर जीने को मन करता है
उसकी कसमों-वादों से कुछ करने का मन करता है।

वो कहती है कि मुझे तेरी बातों का कोई फर्क नही पड़ता,
फिर क्यू वो मेरा ख्याल रखती है।

वो कहती है मैं उस जैसा नही,
फिर क्यों वो मुझ जैसी लगती है।

मैं पागल इश्क़-परिंदा, मेरे ख़्वाबों के रंगों में लिपटी एक नई अंकु को देखता हूँ।

उसका दामन हमेशा खुशियों से भड़ने को जी करता है,
उसके लिए एक और जिंदगी जीने को जी करता है।

मैं पागल इश्क़-परिंदा, सपनों के अम्बर से उतरी एक समझदार, नटखटी परी को देखता हूँ। है बिल्कुल बेगानी पर अपनों सी जिद वो करती है, न जाने वो क्यू मुझे शुभभू कहकर बुलाती है। उसकी सच्ची बातों से फिर जीने को मन करता है उसकी कसमों-वादों से कुछ करने का मन करता है। वो कहती है कि मुझे तेरी बातों का कोई फर्क नही पड़ता, फिर क्यू वो मेरा ख्याल रखती है। वो कहती है मैं उस जैसा नही, फिर क्यों वो मुझ जैसी लगती है। मैं पागल इश्क़-परिंदा, मेरे ख़्वाबों के रंगों में लिपटी एक नई अंकु को देखता हूँ। उसका दामन हमेशा खुशियों से भड़ने को जी करता है, उसके लिए एक और जिंदगी जीने को जी करता है।

#Happy_Birthday_Hrithik_Roshan

People who shared love close

More like this

Trending Topic