"सीख रहा हूं हुनर तन्हा रहना का, साथ तो एक दिन साए का भी छूट जायेगा
कर तो रहा हूं दिल को बहलाने की कोशिशें, कभी ये भी धड़कना भूल जायेगा
ख्वाबों को अलविदा कह चुकी है ये रातें, कोई तो ख्वाब सुबह को झुठलाएगा
सांसे सिर्फ चल रही है यादों के सहारे, कभी वो खुदा रूह ये खुद में मिलाएगा "