सुर्ख़ सुबह पे नज़र रखता हूँ, धधकते सूरज पे नज़र र | हिंदी कविता Video

"सुर्ख़ सुबह पे नज़र रखता हूँ, धधकते सूरज पे नज़र रखता हूँ तपिश से कभी न जले पाँव मेरे माँ की दुआओं का असर रखता हूँ। ©साधना पथ-Kamini Mohan "

सुर्ख़ सुबह पे नज़र रखता हूँ, धधकते सूरज पे नज़र रखता हूँ तपिश से कभी न जले पाँव मेरे माँ की दुआओं का असर रखता हूँ। ©साधना पथ-Kamini Mohan

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