छोड़कर मत जाना" इक इशारे पे तेरे ,प्यार की खातिर, | हिंदी शायरी V

"छोड़कर मत जाना" इक इशारे पे तेरे ,प्यार की खातिर, पकड़ के बांह तेरी, सब को छोड़कर चली आई। पोत के मां-बाप के मुंह पे कालिख,बिना परवाह किए कोई कि होगी उनकी जग हंसाई। इतनी पागल थी तेरे प्यार में कि कुछ नहीं सोचा, अब जाके राज ज़िन्दगी ए हकीकत जाना। जिंदगी और मौत मेरी अब तेरे कदमों में है, होकर नाराज किसी बात से ,छोड़ कर मत जाना। ©Anuj Ray "

छोड़कर मत जाना" इक इशारे पे तेरे ,प्यार की खातिर, पकड़ के बांह तेरी, सब को छोड़कर चली आई। पोत के मां-बाप के मुंह पे कालिख,बिना परवाह किए कोई कि होगी उनकी जग हंसाई। इतनी पागल थी तेरे प्यार में कि कुछ नहीं सोचा, अब जाके राज ज़िन्दगी ए हकीकत जाना। जिंदगी और मौत मेरी अब तेरे कदमों में है, होकर नाराज किसी बात से ,छोड़ कर मत जाना। ©Anuj Ray

# छोड़कर मत जाना"

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