स्वार्थ के लिए वे सदा, हाथ हैं जोड़ते। है काम जब नि | हिंदी कविता Video

"स्वार्थ के लिए वे सदा, हाथ हैं जोड़ते। है काम जब निकल गया, बाद मुख मोड़ते। सालों तलक भी उनके , दर्शन होते नहीं। निज हित का कभी कोई, अवसर न छोड़ते। ©Godambari Negi "

स्वार्थ के लिए वे सदा, हाथ हैं जोड़ते। है काम जब निकल गया, बाद मुख मोड़ते। सालों तलक भी उनके , दर्शन होते नहीं। निज हित का कभी कोई, अवसर न छोड़ते। ©Godambari Negi

#नेता जी

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