तुमको बदलते देखा है
ऐसी वैसी बातो जैसी
हद से गिरते देखा है
तुमको बदलते देखा है
हमने भी सड़को पर
सब्जी के मंडी पर
तुमको टहलते देखा है
तुमको बदलते देखा है
हमने देवदारू कानन मे
भूमि की शीतल माटी मे
तुमको गिरते देखा है
तुमको बदलते देखा है
©Ashutosh Singh yadav (Prince)
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