White जब मैं
पेड़ो को पानी देता हूँ
तब बदल जाता हूँ
हरे भरे जंगल में
जब मैं
नदी में डूबकी लगाता हूँ
तब बहने लगती है नदी
मेरे अंतस में
जब मैं
छूता हूँ पहाड़ को
तब जान पाता हूँ
कठोरता में रची बसी कोमलता को
प्रेम ने
बदल दिया है इतना मुझे कि
मैं धृणा से भी
करना चाहता हूँ प्रेम
©Rabindra Prasad Sinha
#अ आ