वो मिले हमसे कुछ यू जैसे बदलो से हवाएं मिला करती ह | हिंदी Shayari

"वो मिले हमसे कुछ यू जैसे बदलो से हवाएं मिला करती है। उनसे मिलकर हम रहराए यू जैसे हवाएं चलने पर बालो की लटे लहराया करती है । अब तो आलम ये है ना बदलो का साया है ना हवाओ का लहराना दिल ऐसा है जैसे बिना बारिश के बंजर जमीन पर पत्तियों का मुरझा जाना......!!! ©Deep_thought"

 वो मिले हमसे कुछ यू जैसे बदलो से हवाएं मिला करती है।
उनसे मिलकर हम रहराए यू जैसे हवाएं चलने पर बालो की लटे लहराया करती है ।
अब तो आलम ये है ना बदलो का साया है ना हवाओ का लहराना दिल ऐसा है जैसे बिना बारिश के बंजर जमीन पर पत्तियों का मुरझा जाना......!!!

©Deep_thought

वो मिले हमसे कुछ यू जैसे बदलो से हवाएं मिला करती है। उनसे मिलकर हम रहराए यू जैसे हवाएं चलने पर बालो की लटे लहराया करती है । अब तो आलम ये है ना बदलो का साया है ना हवाओ का लहराना दिल ऐसा है जैसे बिना बारिश के बंजर जमीन पर पत्तियों का मुरझा जाना......!!! ©Deep_thought

अब तो मिलना जैसे बंजर जमीन पर कोई कली खिलना।।।।

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