एक रात सपनो में आकर उसने, मुझको मीत कहा.......
स्वप्न सुन्दरी के दर्शन को मैने मन का गीत कहा.......
मृगनयनी के रूप की शोभा, सोम सुरा देवालय की,
कंठ में जिसके रागिनी बजती, होंठों पर संगीत रहा......
हार गया दिल अनुभव पाकर, आलिंगन के सपनों का,
मुझ हारे के जीवन भर का प्यारा सा ये जीत रहा....
©Deep isq Shayri #lover
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