White हां नही आता मुझे झूठ बोलना ,
क्या करूं?
नही आता बनावटी प्रेम करना,
क्या करूं,,?
ज़िंदगी आज़माती है कई बार,
मेरे सब्र को,
नियति देती है चुनौती,
मेरे कर्म को,,
नही आता मुझे शब्दों में मिठास रखना
क्या करूं,,?
नही आता मुझे छलावा या दिखावा,
तो मैं क्या करूं,,?
©shraddha.meera
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