है कुछ नहीं मगर, है सबकुछ भी, अजीब चीज़ है कागज़ भ | हिंदी शायरी Video

"है कुछ नहीं मगर, है सबकुछ भी, अजीब चीज़ है कागज़ भी, बारिशों में नाव कागज़ की, सर्दियों में अलाव कागज़ की, आसमान में पतंग कागज़ की, सारे जहां में जंग कागज़ की। ©Vishal Garg Visarg "

है कुछ नहीं मगर, है सबकुछ भी, अजीब चीज़ है कागज़ भी, बारिशों में नाव कागज़ की, सर्दियों में अलाव कागज़ की, आसमान में पतंग कागज़ की, सारे जहां में जंग कागज़ की। ©Vishal Garg Visarg

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