Sea water बे वक्त पर वक्त उसे अपने सपने बताया करती थी
और वह जिस्मों की ख्वाबों में रहता था ।
बे वक्त ही वक्त उस पर सुकून ढूंढा करती थी ।
पर वह, फिर भी जिस्मों की ही बात करता था ।
उसको मैं मंदिर जाने की फरमान करती थी
पर वह OYO की बात करता था ।
जब जब उसे मैं मंदिर की बात करती थी तब तब वह कहता था हम मंदिर नहीं जाते हैं और आज वह अपनी बीवी के साथ मंदिर जाया करता है।
बस बात इत्ती सी थी ,
हम दिल से उसको चाहते थे वह दिमाग से मुझे चाहता था ।
©Mini
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