रात-रात भर जाकर बात करने वालें वह दो लोग,
खामोश बैठे थे तालाब किनारे,
वह दोनों खामोशी से आंखों ही आंखों में बातें कर रहे थे।
©Mehfuza
रात-रात भर जाकर बात करने वालें वह दो लोग,
खामोश बैठे थे तालाब किनारे,
वह दोनों खामोशी से आंखों ही आंखों में बातें कर रहे थे।