आसान है क्या?? मरना अगर आसान होता, तो मर मिटते हम | हिंदी कविता

"आसान है क्या?? मरना अगर आसान होता, तो मर मिटते हम किसिपे भी। जीना अगर आसान होता, तो जी लेते तेरे बगैर भी। मर मिटे ही इस कदर जो, जीना अब मुमकिन ना है। जी भी गए तो क्या फायदा, अगर साथ तेरे ना जिए हैं। साथ अगर किसी और का, भाने लगा है तुम्हे अब? हाथ छोड़ना मंजूर है तुम्हे, किस्मत में लिखे यही रब। अब कैसे बताऊं मैं तुम्हे? कितना कुछ है कहने को, समझ ना पाऊं अब!! के बताऊं या फिर रोक दूं अपनी लबों को? उलझा हुआ इस रिश्ते को, सुलझाऊं? या फिर छोड़ दूं और उलझने को? भरोसे पे टिकी हुई है ये रिश्ता अब, कोशिश करूं या फिर छोड़ दूं उस रब पर?? ©Baisakhi Mohanty"

 आसान है क्या??

मरना अगर आसान होता,
तो मर मिटते हम किसिपे भी।
जीना अगर आसान होता,
तो जी लेते तेरे बगैर भी।
मर मिटे ही इस कदर जो,
जीना अब मुमकिन ना है।
जी भी गए तो क्या फायदा,
अगर साथ तेरे ना जिए हैं।
साथ अगर किसी और का,
भाने लगा है तुम्हे अब?
हाथ छोड़ना मंजूर है तुम्हे,
किस्मत में लिखे यही रब।
अब कैसे बताऊं मैं तुम्हे?
कितना कुछ है कहने को,
समझ ना पाऊं अब!!
के बताऊं या फिर रोक दूं अपनी लबों को?
उलझा हुआ इस रिश्ते को, 
सुलझाऊं? 
या फिर छोड़ दूं और उलझने को?
भरोसे पे टिकी हुई है ये रिश्ता अब,
कोशिश करूं या फिर छोड़ दूं उस रब पर??

©Baisakhi Mohanty

आसान है क्या?? मरना अगर आसान होता, तो मर मिटते हम किसिपे भी। जीना अगर आसान होता, तो जी लेते तेरे बगैर भी। मर मिटे ही इस कदर जो, जीना अब मुमकिन ना है। जी भी गए तो क्या फायदा, अगर साथ तेरे ना जिए हैं। साथ अगर किसी और का, भाने लगा है तुम्हे अब? हाथ छोड़ना मंजूर है तुम्हे, किस्मत में लिखे यही रब। अब कैसे बताऊं मैं तुम्हे? कितना कुछ है कहने को, समझ ना पाऊं अब!! के बताऊं या फिर रोक दूं अपनी लबों को? उलझा हुआ इस रिश्ते को, सुलझाऊं? या फिर छोड़ दूं और उलझने को? भरोसे पे टिकी हुई है ये रिश्ता अब, कोशिश करूं या फिर छोड़ दूं उस रब पर?? ©Baisakhi Mohanty

आसान है क्या??
#you_and_me
#togetherforever

#Love

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