मुलाक़ात हाय एक शख्स ने हमको रुला दिया मुझे कितने ग | हिंदी शायरी

"मुलाक़ात हाय एक शख्स ने हमको रुला दिया मुझे कितने गहरे गमों में सुला दिया थी जो कुछ किताबें मेरे हाथों में कैसा वक्त है मैंने उनको भी भुला दिया"

 मुलाक़ात हाय एक शख्स ने हमको रुला दिया
मुझे कितने गहरे गमों में सुला दिया
थी जो कुछ किताबें मेरे हाथों में
 कैसा वक्त है मैंने उनको भी भुला दिया

मुलाक़ात हाय एक शख्स ने हमको रुला दिया मुझे कितने गहरे गमों में सुला दिया थी जो कुछ किताबें मेरे हाथों में कैसा वक्त है मैंने उनको भी भुला दिया

हाय ये कैसा वक्त है... @Rishikesh kashyap @Krishan Gopal srivastava सुमन 🥰Raivika🥰 G. P. Gupta, Dir. Trust mathematics tutorial

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