दिल को दिल की तरह खोलिए तो साहब भीतर के योगी को टट | हिंदी Poetry

"दिल को दिल की तरह खोलिए तो साहब भीतर के योगी को टटोलिये तो साहब आपको प्यार मोहब्बत तक से ऐतराज था बेटियां कितनी महफ़ूज़ है ,कुछ बोलिये तो साहब "

 दिल को दिल की तरह खोलिए तो साहब
भीतर के योगी को टटोलिये तो साहब
आपको प्यार मोहब्बत तक से ऐतराज था
बेटियां कितनी महफ़ूज़ है ,कुछ बोलिये तो साहब

दिल को दिल की तरह खोलिए तो साहब भीतर के योगी को टटोलिये तो साहब आपको प्यार मोहब्बत तक से ऐतराज था बेटियां कितनी महफ़ूज़ है ,कुछ बोलिये तो साहब

#justice #yogiji

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