हद-ए-शहर से निकली तो गाँव गाँव चली, कुछ यादें मेरे | हिंदी Love

"हद-ए-शहर से निकली तो गाँव गाँव चली, कुछ यादें मेरे संग पाँव पाँव चली, सफ़र जो धूप का किया तो तजुर्बा हुआ, वो जिंदगी ही क्या जो छाँव छाँव चली। ©@BeingAdilKhan"

 हद-ए-शहर से निकली तो गाँव गाँव चली,
कुछ यादें मेरे संग पाँव पाँव चली,
सफ़र जो धूप का किया तो तजुर्बा हुआ,
वो जिंदगी ही क्या जो छाँव छाँव चली।

©@BeingAdilKhan

हद-ए-शहर से निकली तो गाँव गाँव चली, कुछ यादें मेरे संग पाँव पाँव चली, सफ़र जो धूप का किया तो तजुर्बा हुआ, वो जिंदगी ही क्या जो छाँव छाँव चली। ©@BeingAdilKhan

#Tulips sakshi Pandey @Sandhya @Anshu writer @??????????? Payal Pandey

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