तेरी तस्वीर को बार बार देखती हूँ तकिये के नीचे छु | हिंदी कविता

"तेरी तस्वीर को बार बार देखती हूँ तकिये के नीचे छुपाकर रखती हूं..!! आगोश में समेटे रखा है तुझको फ़िर भी न जाने क्यों तस्वीर सम्भले रखती हूँ..!! ©Shailsa Welfare Foundation"

 तेरी तस्वीर को बार बार देखती हूँ 
तकिये के नीचे छुपाकर रखती हूं..!! 
आगोश में समेटे रखा है तुझको 
फ़िर भी न जाने क्यों 
तस्वीर सम्भले रखती हूँ..!!

©Shailsa Welfare Foundation

तेरी तस्वीर को बार बार देखती हूँ तकिये के नीचे छुपाकर रखती हूं..!! आगोश में समेटे रखा है तुझको फ़िर भी न जाने क्यों तस्वीर सम्भले रखती हूँ..!! ©Shailsa Welfare Foundation

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