ज़िन्दगी फ़ैसला है" नाlकिसी ओर के, न किसी छोर के, | हिंदी कविता V

"ज़िन्दगी फ़ैसला है" नाlकिसी ओर के, न किसी छोर के, हम दो पहिए हैं, रिश्तों की डोर के। छोटी सी नाव के, जाना उस पार है, जो होगा मर्ज़ी से, घुटने टेक के। वैसे तो जान मेरी, कदमों में है तेरे, पूजा भी करती हूं, हाथ तेरे जोड़ के। ज़िन्दगी का फ़ैसला है,जाना छोड़के, रोक लूंगी मैं यम को, कसमें तोड़ के। ©Anuj Ray "

ज़िन्दगी फ़ैसला है" नाlकिसी ओर के, न किसी छोर के, हम दो पहिए हैं, रिश्तों की डोर के। छोटी सी नाव के, जाना उस पार है, जो होगा मर्ज़ी से, घुटने टेक के। वैसे तो जान मेरी, कदमों में है तेरे, पूजा भी करती हूं, हाथ तेरे जोड़ के। ज़िन्दगी का फ़ैसला है,जाना छोड़के, रोक लूंगी मैं यम को, कसमें तोड़ के। ©Anuj Ray

# ज़िन्दगी का फ़ैसला है "

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