मैंने देखे है जीवन में. ऐसे भी लोग
जो दुसरो के सुखो में तो शामिल होते है...
लेकिन दुखो में साथ नहीं देते
ऐसे लोगो की अच्छाई सनदिग्ध
मानी जा सकती है.
ऐसा आदमी स्वर्ग के द्वार तक़ तो पहुंच ने में सफल हो जाता है
पर स्वर्ग के दरवाज़े ताले की चाबी से वंचित रह जाता है
©Arora PR
संदिग्ध