ख़्वाब और ख्याल" जब भी किसी के ख़्वाब दिल में आत | हिंदी शायरी Vi

"ख़्वाब और ख्याल" जब भी किसी के ख़्वाब दिल में आते हैं तो ,खुशियों के चार चांद लग जाते हैं। कभी धुंधली, कभी उजली सी,दिल में नसीब ए यार की ,तस्वीर बन जाते हैं। करके बेचैन निगाहों को उसी दिन से, मंज़िल ए यार का ,रस्ता भी बता जाते हैं। फिर वही तस्वीर निकाल के ख्वाबों से, आहिस्ता आहिस्ता ख्यालों में समा जाते हैं। ©Anuj Ray "

ख़्वाब और ख्याल" जब भी किसी के ख़्वाब दिल में आते हैं तो ,खुशियों के चार चांद लग जाते हैं। कभी धुंधली, कभी उजली सी,दिल में नसीब ए यार की ,तस्वीर बन जाते हैं। करके बेचैन निगाहों को उसी दिन से, मंज़िल ए यार का ,रस्ता भी बता जाते हैं। फिर वही तस्वीर निकाल के ख्वाबों से, आहिस्ता आहिस्ता ख्यालों में समा जाते हैं। ©Anuj Ray

#ख़्वाब और ख्याल"

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