बहारों की ऋतु है फिर भी मेरे बाग का फूल मुरझाया हु | हिंदी Shayari Vid

"बहारों की ऋतु है फिर भी मेरे बाग का फूल मुरझाया हुआ है कुछ भी नही बिन तेरे यहां लोगों ने बस बहलाया हुआ है तुम सा यहां कोई है ही नही बस दुनियां ने पागल बनाया हुआ है।। ©एक शहर "

बहारों की ऋतु है फिर भी मेरे बाग का फूल मुरझाया हुआ है कुछ भी नही बिन तेरे यहां लोगों ने बस बहलाया हुआ है तुम सा यहां कोई है ही नही बस दुनियां ने पागल बनाया हुआ है।। ©एक शहर

#Rose #mahadev

People who shared love close

More like this

Trending Topic