White शीर्षक - ख़त
उड़ जा कबुतर ख़त को लेकर,
यह ख़त साजन तक पहुंचा दे।
घणी याद सताएं मुझे भंवर की,
यह बात भंवर तक पहुंचा दे।
मुझे सूनी सेज सर्पिणी लगती,
रंग महल कानन सा लगता है।
पिया पल पल तेरी याद सताएं,
तूं परदेशी सपने में दिखता है।
जो पायल कंगन हार कहें वो,
ख़त मीठी मन की बात लिखी।
पलक नयन से गिरते आंसू,
मधुर रजनीगंधा रात लिखीं।
विकल हृदय की कहीं कहानी,
आना पाकर यह संदेशा जल्दी।
यह कोयल पपिहा बड़े रूलाते,
चट रंग चढ़ी सावन की मेहंदी।
उड़ जा कबुतर ख़त को लेकर,
यह ख़त साजन तक पहुंचा दे।
घणी याद सताएं मुझे भंवर की,
यह बात भंवर तक पहुंचा दे।
डॉ. भगवान सहाय मीना
बाड़ा पदमपुरा जयपुर राजस्थान।
©Dr. Bhagwan Sahay Meena
#Animals ख़त