हर कोई अपनी उम्मीद के लिए ही मुझ‌ से जुड़ा था, मेर | हिंदी शायरी

"हर कोई अपनी उम्मीद के लिए ही मुझ‌ से जुड़ा था, मेरा जन्म भी तो इसी उम्मीद में हुआ था। ©Prerna Singh"

 हर कोई अपनी उम्मीद के लिए ही मुझ‌ से जुड़ा था,
मेरा जन्म भी तो इसी उम्मीद में हुआ था।

©Prerna Singh

हर कोई अपनी उम्मीद के लिए ही मुझ‌ से जुड़ा था, मेरा जन्म भी तो इसी उम्मीद में हुआ था। ©Prerna Singh

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